CIBIL Score
Cibil Score kaise Badhaye क्रेडिट स्कोर बिगड़ने की लगातार मिल रही शिकायतों पर आरबीआई ने बड़ा एक्शन लेते हुए कुछ नए नियम बनाए हैं। जिससे अब आपका सिबिल स्कोर खराब नहीं होगा।
स्कोर कैसे सुधारें?
रिजर्व बैंक (RBI) के 5 नियम
- अनुरोध अस्वीकार करने का कारण अवश्य बताया जाना चाहिए
- ग्राहकों को वर्ष में एक बार निःशुल्क पूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करें
- रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को सूचित करना ज़रूरी है.
- शिकायत का समाधान 30 दिन के भीतर करना होगा, अन्यथा प्रतिदिन 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
रिजर्व बैंक ने कहा है कि अब बैंक सिबिल कंपनियों को डिफॉल्ट ग्राहकों की सूची देने से पहले ग्राहकों को सूचित करेंगे। इससे ग्राहक अपने सिबिल स्कोर को बिगड़ने से बचा सकते हैं। इतना ही नहीं, अब कंपनियों को Cibil Score चेक करने के बाद ग्राहक को मेल के जरिए जानकारी देनी होगी और साल में एक बार पूरी रिपोर्ट भी मुफ्त देनी होगी। आरबीआई द्वारा बनाए गए नए नियम 26 अप्रैल 2024 से लागू होंगे।
इन नए नियमों से ग्राहकों को राहत मिलेगी. अगर कोई ग्राहक खराब सिबिल या सिबिल के दुरुपयोग या सिबिल स्कोर बढ़ने की शिकायत करता है तो कंपनी को 30 दिन के भीतर शिकायत का समाधान करना होगा। ऐसा नहीं करने पर कंपनियों को प्रतिदिन 100 रुपये का जुर्माना देना होगा.
रिजर्व बैंक (RBI) के 5 नियम
ग्राहक को CIBIL चेकिंग की जानकारी भेजनी होगी. केंद्रीय बैंक ने कृषिल, सिबिल, अमेरिकन एक्सप्रेस जैसी सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों से कहा है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करता है, तो उस ग्राहक को जानकारी भेजना जरूरी है। यह जानकारी एसएमएस या ई-मेल के जरिये भेजी जा सकती है. क्रेडिट स्कोर को लेकर कई शिकायतें सामने आ रही थीं, जिसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह फैसला लिया है।
अनुरोध अस्वीकार करने का कारण अवश्य बताया जाना चाहिए
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, अगर किसी ग्राहक की कोई रिक्वेस्ट रिजेक्ट कर दी जाती है तो ग्राहक को इसका कारण बताना जरूरी है। इससे ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि उसका अनुरोध क्यों अस्वीकार किया गया है। अनुरोध को अस्वीकार करने के कारणों की एक सूची तैयार करना और इसे सभी क्रेडिट संस्थानों को भेजना आवश्यक है।
ग्राहकों को वर्ष में एक बार निःशुल्क पूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करें
आरबीआई के मुताबिक, क्रेडिट कंपनियों को अपने ग्राहकों को साल में एक बार फ्री फुल क्रेडिट स्कोर मुहैया कराना चाहिए। इसके लिए क्रेडिट कंपनी को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक प्रदर्शित करने की आवश्यकता होती है, ताकि ग्राहक आसानी से अपनी निःशुल्क पूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट देख सकें। इससे ग्राहकों को साल में एक बार अपना सिबिल स्कोर और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री पता चल जाएगी।