इन 12 भावों में ग्रहों की स्थिति की गणना करके व्यक्ति के जीवन में चल रही स्थिति के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
सभी नौ ग्रहों को अपनी-अपनी दिशा निर्धारित की गई है, जिसे उस दिशा का स्वामी कहा जाता है। अगर हम बात करें तो सूर्य को पूर्व दिशा के स्वामी ग्रहों का राजा कहा जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष राशि के जातकों के लिए पूर्व और दक्षिण-पूर्व दिशा में विवाह करना शुभ माना जाता है।
वृषभ राशि के जातक को दक्षिण एवं उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर विवाह करना चाहिए।
इस राशि के जातक को पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशा में विवाह करना चाहिए। यह दिशा आपके लिए बेहद अनुकूल साबित हो सकती है।
कर्क राशि वाले व्यक्ति को दक्षिण एवं दक्षिण-पश्चिम दिशा में विवाह करना चाहिए।
सिंह राशि के व्यक्ति को पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिशा में विवाह करना चाहिए।
कन्या राशि के जातकों के लिए उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में विवाह करना सबसे शुभ माना जाता है।
तुला राशि के जातक के लिए पूर्व एवं दक्षिण-पूर्व दिशा में विवाह करना सर्वोत्तम माना जाता है।