सरकारी योजना
सरकारी योजना इस योजना के लिए 18 से 40 वर्ष की आयु के किसान आवेदन कर सकते हैं। शर्त यह है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास दो हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए. अगर आपकी उम्र 18 साल है और आप इस योजना से जुड़ते हैं तो आपको हर महीने 55 रुपये जमा करने होंगे. आइए जानते हैं डिटेल
पीएम किसान मानधन योजना: किसानों का वर्तमान और भविष्य बेहतर और सुरक्षित रहे इसके लिए सरकार द्वारा समय-समय पर योजनाएं शुरू की जाती हैं। पीएम किसान मानधन भी इन्हीं योजनाओं में से एक है. इसके तहत 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को हर महीने 3,000 रुपये पेंशन के तौर पर दिए जाते हैं.
पीएम किसान मानधन के लिए पात्रता क्या है?
इस योजना के लिए केवल 18 से 40 वर्ष की आयु के किसान ही आवेदन कर सकते हैं। इन किसानों के पास दो हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए. अगर आपकी उम्र 18 साल है और आप इस योजना से जुड़ते हैं तो आपको हर महीने 55 रुपये जमा करने होंगे. वहीं, 30 साल की उम्र में यह रकम बढ़कर 110 रुपये और 40 साल की उम्र में यह बढ़कर 200 रुपये हो जाएगी. किसान को यह रकम 60 साल की उम्र तक चुकानी होगी.
मानधन योजना के लिए रजिस्ट्रेशन यहां ऑफलाइन किया जाएगा
> सबसे पहले आपको नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाना होगा।
> यहां आपको अपनी और अपने परिवार की वार्षिक आय और अपनी जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज जमा करने होंगे।
> पैसे निकालने के लिए आपको अपने बैंक खाते की जानकारी भी देनी होगी.
> इसके बाद वहां मिले एप्लीकेशन फॉर्म को अपने आधार कार्ड से लिंक कर लें.
> इसके बाद आपको एक पेंशन अकाउंट नंबर दिया जाएगा.
आप ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं
किसान मानधन योजना का लाभ उठाने के लिए आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले आप maandhan.in पर जाएं और फिर वहां आपको सेल्फ एनरोलमेंट करना होगा। यहां आपसे मोबाइल नंबर, ओटीपी आदि की जानकारी मांगी जाएगी। सारी जानकारी एक ऑनलाइन फॉर्म में भरकर सबमिट करनी होगी। इसके लिए आपको इस योजना के लिए आवेदक माना जाएगा।
किसानों का बुढ़ापा सुरक्षित रहेगा
इस योजना का लाभ किसान 60 साल की उम्र के बाद उठा सकेंगे. यह रकम बुजुर्ग किसानों को पेंशन के तौर पर दी जाएगी. किसानों के खाते में हर माह तीन हजार रुपये की धनराशि भेजी जाएगी। सालाना गणना की जाए तो किसानों को 36 हजार रुपये पेंशन के तौर पर दिए जाएंगे. इस राशि से किसान बुढ़ापे में खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकते हैं। दरअसल, कई किसान बुढ़ापे में खेती नहीं कर पाते हैं. इस राशि की मदद से बुजुर्ग किसान अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।